यमुना नदी का जल स्तर पहुंचा खतरे के निशान से मात्र 4 मीटर नीचे
एसडीएम,सीओ, कोतवाल तटवर्ती क्षेत्रों का भ्रमण कर बाढ़ से सतर्क रहने के निर्देश
कालपी (जालौन) कोटा बैराज से पानी छोड़े जाने से वुधवार को यमुना नदी के उफनाने का सिलसिला जारी रहा। कालपी में 6 सेमी प्रति घंटा की रफ्तार से बढ़ा यमुना नदी का जलस्तर दोपहर को 103 .10 मीटर पार कर गया है। यमुना नदी में बाढ़ की संभावनाओं को देखते हुए एसडीएम,सीओ तथा कोतवाल द्वारा दिन भर तटवर्ती इलाकों में ग्रामीणों को सतर्क रहने की सलाह दी गई।
उल्लेखनीय हो कि कालपी में यमुना नदी पर खतरे का निशान 108 मीटर पर है। वुधवार की दोपहर को यमुना नदी का जल स्तर 103. 10 मीटर पर आ गया है। फिलहाल यमुना नदी का जलस्तर 6 सेंटीमीटर प्रति घंटे के हिसाब से बढ़ रहा है। स्थानीय बाढ़ नियंत्रण अधिकारी रूपेश कुमार के अनुसार कोटा बैराज से पानी छोड़ जाने के बाद यमुना के जलस्तर में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है जिससे आगामी समय में यमुना का जल स्तर 105 मीटर से ऊपर पहुंचने की पूरी संभावना है यदि कोटा बैराज से और भी पानी छोड़ा गया तो कालपी में यमुना का जल स्तर खतरे के निशान तक भी पहुंच सकता है।
यमुना नदी के साथ-साथ बेतवा नदी का भी जल स्तर उफान पर है ।
रपटा डूबने से आधा दर्जन गाँव से सम्पर्क टूटा
वुधवार को यमुना नदी के उफनाने के कारण सहायक नून नदी पर मंगरोल- पड़री मार्ग का रपटा जलमग्न हो गया है। जिससे पड़री जाने का मार्ग प्रभावित है। ग्राम प्रधान के माध्यम से नाव की व्यवस्था की गई है। अन्य कोई नुकसान नही है। उपजिलाधिकारी अतुल कुमार ने राजस्व कर्मचारियों के साथ बुधवार की स्थल का दौरा किया। पुलिस को सुरक्षार्थ तैनात किया है। रपटा जलमग्न हो जाने से कालपी मुख्यालय से पड़री, नरहान, दहेलखंड, उरकरा कला समेत आधा दर्जन ग्रामों का आवागमन प्रभावित हो गया है।