संविधान दिवस हमारे संविधान के महत्व को समझने का एक महत्वपूर्ण अवसर है। यह दिवस हमें संविधान के मूल्यों, इसके इतिहास और इसके निर्माण की कहानी को याद दिलाता है ।
भारतीय संविधान दुनिया का सबसे लंबा लिखित संविधान है, जिसमें प्रारंभ में 395 अनुच्छेद और 8 अनुसूचियां थीं ।
संविधान दिवस का महत्व न केवल संविधान के महत्व को समझने में है, बल्कि यह हमें संवैधानिक मूल्यों, अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति जागरूकता बढ़ाने का अवसर भी प्रदान करता है । यह दिवस हमें लोकतंत्र, न्याय, समानता और बंधुता जैसे संवैधानिक मूल्यों का सम्मान करने की याद दिलाता है ।संविधान दिवस का महत्व इस बात में भी है कि यह हमें हमारे संविधान के मूल्यों और सिद्धांतों को याद करने का अवसर प्रदान करता है। संविधान दिवस पर विशेष रूप से हमें अपने संविधान के मूल्यों और सिद्धांतों को याद करना चाहिए। इस दिन हमें अपने संविधान की प्रस्तावना को पढ़ना चाहिए, जिसमें कहा गया है कि "हम, भारत के लोग, भारत को एक संपूर्ण प्रभुत्वसंपन्न, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष, लोकतंत्रात्मक गणराज्य बनाने के लिए तथा इसके समस्त नागरिकों को सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय, विचार, अभिव्यक्ति, विश्वास, धर्म और उपासना की स्वतंत्रता, प्रतिष्ठा और अवसर की समता प्राप्त करने के लिए तथा उन सब में व्यक्ति की गरिमा और राष्ट्र की एकता और अखंडता को बढ़ावा देने के लिए दृढ़ संकल्प होकर इस संविधान को अधिनियमित, आत्मार्पित और उद्धृत करते हैं"। इसके साथ ही, हमें अपने संविधान के मूल कर्तव्यों को भी याद करना चाहिए, जैसे कि राष्ट्र की एकता और अखंडता की रक्षा करना, संविधान का पालन करना, और राष्ट्र की संपत्ति की रक्षा करना ।
संविधान दिवस का महत्व तब सही रूप से समझा जा सकता है कि जब हम सभी भारतवासी यह शपथ ले कि हमे संविधान की अखंडता और मर्यादा का अक्षरतः पालन करेंगें।
अनुराग गुप्ता
सहायक आचार्य
एस एस डिग्री कॉलेज बबीना जालौन