ऑपरेशन के नाम पर लूट का खेल, नॉर्मल डिलीवरी पर रोक, ऑपरेशन अनिवार्य! सरकारी अस्पताल से प्राइवेट तक डॉक्टरों की जोड़ी का 'कमाल'
जनपद उरई जालौन
मुख्यालय उरई शहर में एक डॉक्टर की जोड़ी ने ऑपरेशन के नाम पर लूट का ऐसा जाल बिछाया है कि हर मरीज से मोटी रकम वसूलने का मामला सामने आ रहा है। खुद को सबसे श्रेष्ठ बताने वाले ये डॉक्टर न सिर्फ सरकारी अस्पताल से मरीजों को प्राइवेट अस्पताल भेजते हैं,
बल्कि बीमारी का भय दिखाकर मरीजों को ऑपरेशन कराने पर मजबूर करते हैं।
फिर शुरू होता है वहीं से सारा खेल इनको इससे कोई मतलब नहीं कोई गरीब कैसे कैसे कर्ज मांगकर या अपनी ज़मीन गहने क्या बेचकर लाया इनको तो सिर्फ रुपयों से मतलब है
सरकारी से प्राइवेट तक का नेटवर्क सब पूरी तरह सेटिंग का चल रहा खेल
सूत्रों के अनुसार, ये डॉक्टर सरकारी अस्पतालों में भर्ती मरीजों को भ्रमित कर अपने निजी अस्पताल में इलाज कराने की सलाह देते हैं। इस प्रक्रिया में उनके कई एजेंट और नेटवर्क के लोग शामिल हैं।और मरीजों को अस्पताल तक पहुँचाने में क़ई आशाओं का भी रहता है योगदान,मरीजों को अस्पताल में इतना डराया-धमकाया जाता है कि उनकी हालत गंभीर है और ऑपरेशन के बिना ठीक होना संभव नहीं।या ऑपरेशन के बिना बच्चे की डिलेबरी होना सम्भब नहीं है
नॉर्मल डिलीवरी पर रोक, ऑपरेशन अनिवार्य!
डॉक्टरों की जोड़ी ने अपने अस्पताल में नॉर्मल डिलीवरी जैसे मामलों को खत्म कर दिया है। हर मरीज को ऑपरेशन के लिए मजबूर किया जाता है। मरीजों से मिली जानकारी के अनुसार, अस्पताल में ऑपरेशन के पीछे मोटा कमिशन तय है, जिससे जुड़ा हर व्यक्ति लाभ उठा रहा है।
अंदर तक है पकड़’ और रिश्वत देने का दावा
डॉक्टरों का दावा है कि उनके संबंध कई जनप्रतिनिधियों और पत्रकारों और जिले के उच्च अधिकारियों से हैं, जो उनकी हर गतिविधि को समर्थन देते हैं। उनके प्रभाव का आलम यह है कि उनकी गलतियों पर कोई आवाज उठाने की हिम्मत नहीं करता।
दो वर्ष में लाखों का कारोबार
पिछले दो सालों में इन डॉक्टरों ने अपने नेटवर्क के दम पर इतनी संपत्ति खड़ी कर ली है कि पूछना मुश्किल है। मरीजों की बीमारी को व्यापार में बदलकर इन्होंने स्वास्थ्य सेवा को लूट का माध्यम बना दिया है।
आम जनमानस आवश्यक कार्रवाई की मांग
शहर के जागरूक नागरिकों का कहना है कि यदि इस मामले की उच्चस्तरीय जांच हो तो इस लूट का पर्दाफाश किया जा सकता है। प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग को इस पर तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए ताकि मरीजों के साथ हो रही धोखाधड़ी पर रोक लग सके।
डॉक्टरों की जोड़ी ने 'धमाल' के नाम पर बनाई करोड़ों की संपत्ति।