मसाइख ए कालपी कांफ्रेंस में दीन पर चलने की नसीहत गयास ए मिल्लत की शान में लगे जोशीले नारे

मसाइख ए कालपी कांफ्रेंस में दीन पर चलने की नसीहत गयास ए मिल्लत की शान में लगे जोशीले नारे 

कालपी (जालौन) स्थानीय नगर के  मोहल्ला उदनपुरा में  मशाइख ए कालपी कॉन्फ्रेंस का आयोजन दरगाह खानकाह मुहम्मदिया के सज्जादा नशीन सैय्यद गयासुद्दीन अहमद तिरमिज़ी साहब की सरपरस्ती में सम्पन्न हुआ। सज्जादा नशीन ने अपनी तकरीर में पैगाम देते हुए कहा  मसलक ए आला हजरत के वफादार रहो तथा मसलक ए आला हजरत के गद्दारों से दूर रहो। सभी लोग सच्चाई नेकी तथा ईमानदारी पर चले।
बीती रात को नगर के कुरैश चौराहे में आयोजित कार्यक्रम में हिंदुस्तान के मशहूर मोहम्मद अली फैजी साहब ने अपनी नात ख्वानी को प्रस्तुत कर जमकर वाह वाही लूटी। उन्होंने ने अपने अंदाज में पेश करते हुए कहा --

सताती है मुझको रुलाती है मुझको यह दुनिया बहुत आजमाती है।
 मुझको हु दुनिया को बातों से टूटा हुआ मदीना बुला लीजिये।।
 
 इलाहाबाद से पधारे समीर रज़ा, कोलकाता से पधारे हज़रत मुफ्ती निसार अहमद,मौलाना आफताब आलम गयासी ने अपने अपने कलाम पेश किये। कार्यक्रम का संचालन जनाब सैय्यद वारिस चिश्ती द्वारा की गई।खानकाह मोहम्मदिया के मुफ्ती अशफाक अहमद बरकाती ने इमाम हुसैन की शहादत के बारे में लोगों को बताया कि कर्बला के मैदान में  जा कर बातिल की लड़ाई में मोहम्मद मुस्तफा सल्लल्लाहु ताला अलेही वसल्लम के नवासे हक के लिए शहीद हो गये। उन्होंने बताया कि कालपी शरीफ़ की शोहरत पूरे मुल्क में मिली तो वो सरकार ए मीर के कदमों की बरकत से मिली।  मुस्तकीम कादरी साहब की निगरानी में प्रोग्राम हुआ और ग़ुलामआने हुसैन कमेटी ने प्रोग्राम में अपने काम को अंजाम दिया

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