मोहर्रम की 12 वीं को जलसे का आयोजन
इमाम हुसैन ने दीने मुहम्मदी की अजमत के लिए अपना सब कुछ कुर्बान करके हक का परचम बुलंद किया
कालपी जालौन
मोहर्रम शरीफ वो अजमत वाला महीना है कि जिसे हर मोमिन के घर में कर्बला के शहीदों की याद में खिराज़े अकीदत नज़र की जाती है।हर वर्ष की तरह इस बार 12 मोहर्रम की रात मोहल्ला मिर्जामंडी में इमाम चौक के मैदान में एक जलसा ज़िक्रे शहीदे आज़म मनाया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता दारूल उलूम गौसिया मजीदिया के मैनेजर हाफिज इरशाद अशरफी ने की।
मुहल्ला मिर्जा मंडी इमाम चौक परिसर में आयोजित जलसे में ख़िताब फरमाने के लिए झांसी से पधारे मौलाना सिद्दीक साहब ने कर्बला की शहादत का बयान करके यह बताया कि इमाम हुसैन ने दीन की शानो अजमत को बचाने के लिए अपना सब कुछ कुर्बान कर दिया मगर उस यज़ीद पलीद के हाथ में अपना हाथ न दिया ए मुसलमानो अपनी जिंदगी का इस्लामी तरीके पर ढाल लो। और बुराइयों से निकल कर अच्छे काम करो नमाजों की पाबंदी करो।
हाफ़िज़ शाहनवाज अत्तारी ने अपनी प्यारी आवाज में इमाम आली मक़ाम की शान में कुछ शेर पढ़ कर माहौल को बेहतर बना दिया। तौसीफ राजा (उरई) और बेहतरीन आवाज में गुलाम वारिस इस्माइली ने भी इमाम हुसैन की शान में मनकबत के शेर सुनाकर लोगों के दिलों में गम है हुसैन डाल दिया। दारुल उलूम गौसिया मजीदिया के हाफिज फैज रज़ा ने भी कलाम पेश किया और जनाब हाफिज शाहरुख अत्तारी (कोंच)ने भी मनकबत शहीदे कर्बला सुनाई। इस प्रोग्राम में कमेटी के जिम्मेदार मु एजाज अंसारी, मु शोएब व हाजी ज़हरुद्दीन उर्फ मुन्ना सहित तमाम लोग व्यवस्था में जुटे रहे।