कन्या प्राथमिक विद्यालय अमखेड़ा, बेसिक शिक्षा की बदलती तस्वीर
उरई,जालौन। जालौन जिले का कन्या प्राथमिक विद्यालय अमखेड़ा आज जिले का एक उत्कृष्ट और मॉडल विद्यालय बन चुका है। यह परिवर्तन विद्यालय के प्रधानाध्यापक श्री वीर सिंह कुशवाह और सहायक अध्यापकों उपेंद्र सिंह प्रजापति, अबलाख सिंह, और अंशुमान द्विवेदी के अथक प्रयासों और समर्पण का परिणाम है। इन शिक्षकों ने अपने स्टाफ के सहयोग से विद्यालय की तस्वीर पूरी तरह बदलकर रख दी है, और अब यह विद्यालय स्मार्ट कक्षाओं और मॉडर्न शिक्षा सुविधाओं से लैस है।
शुरुआत से ही विद्यालय के स्टाफ ने यह संकल्प लिया कि वे इस विद्यालय को न केवल शैक्षणिक दृष्टिकोण से बेहतर बनाएंगे, बल्कि भौतिक रूप से भी एक मॉडल विद्यालय के रूप में प्रस्तुत करेंगे। प्रधानाध्यापक श्री वीर सिंह कुशवाह के नेतृत्व में, और सहायक अध्यापक उपेंद्र सिंह प्रजापति की पहल पर, विद्यालय के सभी कक्षाओं को आधुनिक और स्मार्ट कक्षाओं में तब्दील कर दिया गया है। अब यहां के छात्र-छात्राएं स्मार्ट बोर्ड, प्रोजेक्टर, और अन्य तकनीकी सुविधाओं का उपयोग करके पढ़ाई कर रहे हैं, जो उन्हें नई शिक्षा प्रणाली के साथ जोड़ता है और उनकी समझ को बढ़ाता है।
इस परिवर्तन का सबसे बड़ा श्रेय सहायक अध्यापक उपेंद्र सिंह प्रजापति को जाता है, जिन्होंने विद्यालय के शैक्षणिक और भौतिक वातावरण को उत्कृष्ट बनाने के लिए निरंतर प्रयास किए हैं। उपेंद्र सिंह प्रजापति हमेशा शिक्षा के नए-नए नवाचारों को विद्यालय में लागू करने के लिए तत्पर रहते हैं, जिससे छात्रों में शिक्षा के प्रति रुचि और उत्साह बना रहता है। उनके प्रयासों के कारण विद्यालय में बच्चों का सर्वांगीण विकास हो रहा है।
विद्यालय के अन्य सहायक अध्यापक, अबलाख सिंह और अंशुमान द्विवेदी, ने भी इस परिवर्तन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने न केवल उपेंद्र सिंह प्रजापति का साथ दिया, बल्कि खुद भी शैक्षणिक नवाचारों को अपनाने में सक्रिय भूमिका निभाई। इनके सामूहिक प्रयासों के कारण, विद्यालय की कक्षाएं न केवल स्मार्ट बन गई हैं, बल्कि उनमें विद्यार्थियों के लिए एक सकारात्मक और प्रेरणादायक वातावरण भी तैयार किया गया है।
विद्यालय की इस अद्वितीय सफलता की सराहना जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी जालौन ने भी की है। उन्होंने अपने आधिकारिक फेसबुक और ट्विटर पेज के माध्यम से विद्यालय के स्टाफ द्वारा किए गए उत्कृष्ट कार्य की प्रशंसा की है। बेसिक शिक्षा अधिकारी ने कहा कि इस प्रकार के प्रयास न केवल विद्यार्थियों के शैक्षणिक विकास के लिए आवश्यक हैं, बल्कि वे अन्य विद्यालयों के लिए भी प्रेरणास्रोत हैं।
कन्या प्राथमिक विद्यालय अमखेड़ा अब जिले के लिए एक मॉडल स्कूल बन चुका है। इस विद्यालय की सफलता से यह स्पष्ट है कि जब शिक्षक अपनी जिम्मेदारियों को पूरी निष्ठा और समर्पण के साथ निभाते हैं, तो किसी भी विद्यालय की तस्वीर बदल सकती है। यह विद्यालय न केवल अपने उत्कृष्ट शैक्षणिक वातावरण के लिए जाना जाएगा, बल्कि यह जिले भर के अन्य विद्यालयों के लिए एक प्रेरणा स्रोत भी बनेगा।