जालौन में राशन घटतौली का मामला:सामने आया जहां अधिकारियों की लापरवाही से बढ़ा विवाद पहुंचा थाने,, थाने से अस्पताल

जालौन में राशन घटतौली का मामला:सामने आया जहां अधिकारियों की लापरवाही से बढ़ा विवाद

ब्यूरो रिपोर्ट - रविकांत कुशवाहा

उरई जालौन।जनपद जालौन के हरदोई गुर्जर गांव में राशन की घटतौली का एक गंभीर मामला सामने आया है, जो अधिकारियों की लापरवाही को उजागर करता है। 9 अगस्त, गुरुवार को तकदीर सिंह राठौर पुत्र हरी राठौर ने आरोप लगाया कि उनके गांव के कोटेदार हरिश्चंद्र पाल ने राशन की वितरण में गड़बड़ी की। तकदीर सिंह ने बताया कि उनके राशन कार्ड पर पांच यूनिट हैं, लेकिन प्रत्येक यूनिट पर 1 किलो राशन की कटौती कोटेदार द्वारा की जाती है।

इस घटतौली के विरोध में जब तकदीर सिंह ने कोटेदार से बात की, तो विवाद बढ़ गया और कोटेदार हरिश्चंद्र पाल ने उन पर शारीरिक हमला कर दिया। जिसकी शिकायत पीड़ित द्वारा डायल 112 पर की गयी उल्टा पुलिस द्वारा भी पीड़ित के साथ गाली गलौच व अभद्रता से बात की गयी और उसे एट कोतवाली में बैठा कर रखा,पीड़ित ने बताया की वह हार्ट अटैक का मरीज जब उसके साथ इस तरीके का बर्ताव पुलिस द्वारा किया गया तो वह बुरी तरह से घबरा गया और उसकी तबियत बिगड़ गयी!

👉 बड़ा सवाल :- 👉 यह खड़ा होता है की सूबे के मुखिया भाजपा सरकार ने पुलिस को इतनी खुली छूट दे रखी है की जनता के साथ न्याय और अन्याय का फर्क नजर नहीं आ रहा,पुलिस द्वारा सांठ गांठ कर कोटेदार द्वारा यह कृत्य करवाया गया पीड़ित ने यह आरोप लगाते हुए

यह भी बताया की इस घटना से कोटेदार के हौसले बुलंद है, वह आगे भी उसके साथ अनहौनी घटना कारित कर सकता है

। लेकिन आपूर्ति विभाग द्वारा इस मामले पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है।
यह घटनाएं जनपद जालौन के विभिन्न गांवों में कोटेदारों द्वारा की जा रही घटतौली की स्थिति को उजागर करती हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि आपूर्ति विभाग के अधिकारियों की लापरवाही के कारण राशन वितरण में गड़बड़ी और भ्रष्टाचार बढ़ गया है। अधिकारियों की इस अनदेखी के कारण गरीब और जरूरतमंद लोगों को उनकी पूरी हिस्सेदारी का राशन नहीं मिल पा रहा है, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति पर भी असर पड़ रहा है।
राशन की घटतौली और अन्य संबंधित समस्याओं को लेकर सरकार और आपूर्ति विभाग की जिम्मेदारी है कि वे इस मुद्दे की गंभीरता को समझें और त्वरित कार्रवाई करें। अगर इस पर कड़ी निगरानी और उचित उपाय नहीं किए गए, तो राशन वितरण प्रणाली में गड़बड़ी और भ्रष्टाचार की समस्याएं भविष्य में भी जारी रह सकती हैं। स्थानीय निवासियों ने आशा जताई है कि इस मामले की उच्चस्तरीय जांच की जाएगी और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी, ताकि राशन वितरण प्रणाली में पारदर्शिता और सटीकता सुनिश्चित की जा सके।

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