हत्या के मामले में दोषी को आजीवन कारावास की सजा50 हजार रुपये अर्थदण्ड लगाया

हत्या के मामले में दोषी को आजीवन कारावास की सजा
50 हजार रुपये अर्थदण्ड लगाया। 
उरई-बीते ग्यारह वर्ष पूर्व शौच के लिए गए व्यक्ति की दबंग द्वारा ईंट से सिर में प्रहार कर उसकी बेरहमी से हत्या करने के मामले में दोष सिद्ध होने पर शुक्रवार को न्यायाधीश ने एक अभियुक्त को दोषी पाते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई।तो वहीं 50 हजार रुपये अर्थदण्ड की सजा सुनाई।
शासकीय अधिवक्ता मोती लाल पाल ने बताया कि बीते ग्यारह वर्ष पूर्व 4 जून 2013 को शाम करीब सात बजे गजेंद्र पुत्र महाराज सिंह निवासी मुहल्ला तलाटोला थाना रामपुरा को मुहल्ले के ही राहुल पुत्र रघुनंदन,मुकेश पुत्र सुरेंद्र कुमार व राहुल पुत्र बाबू दोहरे अपने साथ शौच के लिए ले गए थे।गजेंद्र अपने साथ जग में पानी लेकर गया था।लेकिन रात को जब वह वापस घर नही आया तो तो परिजनों ने यह समझा कि गजेंद्र राहुल पुत्र बाबू दोहरे के घर रुक गया होगा।दूसरे दिन जब कोई गजेंद्र की कोई खबर नही मिली तो उसकी मां राहुल के घर पहुंचकर गजेंद्र के बारे में बातचीत की तो राहुल ने बताया कि वह बाहर गया हुआ है।तभी दोपहर को करीब 12 बजे गजेंद्र का शव खून से लथपथ गांव के ही रामप्रकाश के प्लाट पर मिला।जहां शव पड़ा था वहां गजेंद्र का जग,गिलास व तीन क्वार्टर व नमकीन के खाली पाउच व गुम्मा ईंट टूटे मिले थे।तभी मृतक गजेंद्र के पिता महाराज सिंह की तहरीर पर थाना पुलिस ने मुहल्ले के ही राहुल पुत्र रघुनंदन,राहुल पुत्र बाबू दोहरे व मुकेश पुत्र सुरेंद्र के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर लिया था।थाना पुलिस द्वारा की गई विवेचना में राहुल पुत्र रघुनंदन व मुकेश पुत्र सुरेंद्र कुमार की नामजदगी गलत पाते हुए सुगर सिंह पुत्र काशीराम व प्रिंस उर्फ प्रिंशु पुत्र महेंद्र सिंह दोहरे व राहुल पुत्र बाबू दोहरे के खिलाफ आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल किया।मामला न्यायालय अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम की अदालत में चल रहा था।वहीं वरिष्ठ शासकीय अधिवक्ता श्री पाल ने यह भी बताया कि गजेंद्र के पड़ोस में रहने वाली एक लड़की से गजेंद्र का प्रेम प्रसंग था।लेकिन अभियुक्तगणों से वह लड़की बात नही करती थी।इसी वजह से अभियुक्तगणों ने गजेंद्र की शराब पिलाने के बाद सिर में ईंट मारकर हत्या कर दी थी।शुक्रवार को न्यायालय में चली सुनवाई के बाद न्यायाधीश ने दोनों पक्षों के वकीलों की दलीलें सुनने के बाद गवाहों व सबूतों के आधार पर राहुल पुत्र बाबू दोहरे को दोषी पाते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई।तो वहीं पचास हजार रुपये अर्थदण्ड भी लगाया।तथा प्रकाश में आये अभियुक्त सुगर सिंह पुत्र काशीराम व प्रिंश उर्फ प्रिंशु महेंद्र सिंह दोहरे को साक्ष्यों के अभाव में दोष मुक्त किया।यह फैसला खुली न्यायालय में सुनाया गया।

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